Hindi ...
Saturday, May 22, 2004
आजकल सारे इण्टरनेट पर Gmail [जीमेल] ने तहलका मचा रखा है. हर कोई इसी फ़िराक़ में नज़र आता है कि Gmail पर अकाउण्ट कैसे खोला जाये. मुझे भी, चंद रोज़ से, यही धुन लगी रही ... आख़िरकार गुज़िश्ता हफ़्ते (गत सप्ताह!) बात की बात में मैंने, as usual, इसका ज़िक्र अपने दोस्त विनय जैन से कर डाला ...
मा'लूम पड़ा कि चंद ऐसे bloggers को, जिनका शुमार गूगल जी महाराज ने अपनी "active bloggers" की फ़ेहरिस्त में कर रखा है, जीमेल इस्ते'माल करने के लिये आमंत्रित किया गया है, और इस फ़ेहरिस्त में विनय भी शामिल हैं. मुझे बड़ा रश्क हुआ, मगर करते क्या? (अब आप लोग ये ना ही पूछें तो बेहतर कि मुझ "बेवक़ूफ़" को उस वक़्त ये ख़याल क्यों न आया कि active न सही, blogger तो मैं भी हूँ, सो मुझे भी अपना blogger.com अकाउण्ट चेक कर लेना चाहिये ... कहीं इत्तेफ़ाक़ से मेरे पास भी ऐसा ही न्योता न आया हुआ हो! ...)
ख़ैर! कहते हैं, उम्मीद पर दुनिया क़ा'इम है. कल अचानक किसी वजह से blogger पर जाने का मौक़ा लगा. login किया तो देखता क्या हूँ कि वाक़'ई मुझे भी एक-अदद Gmail अकाउण्ट के लिये रजिस्टर करने का निमंत्रण भेजा गया है! या बुल अजबी! या बुल अजबी! बस फिर क्या था? मैंने झट दिगर तमाम काम छोड़े, और फ़ौरन से पेशतर, रजिस्ट्रेशन कर डाला!
अब मेरी आज सुबह-सवेरे ही से जीमेल पर अपने यार-दोस्तों से लगातार ई-मेल गुफ़्तगू चल रही है ... बड़ा ही मज़ा आ रहा है ... सच तो ये है क मैं जामे में फूला नहीं समा रहा हूँ!
तो भाइयो और बहनो, ये था नतीजा मेरी Gmail तपस्या का :)
आज के लिये बस इतना ही. इस दु'आ के साथ आप लोगों को छोड़ जाता हूँ:
शीघ्रमेव जीमेल अकाउण्ट प्राप्तिरस्तु!